जब आपको किसीभी चीज का ज्ञान नहीं होता,
बस सिर्फ तब तक ही आप दिल से उसका आनन्द ले सकते हो।
और जैसे ही आपको उस चीज का ज्ञान मिला,
बस तबसे आपका दिमाग़ घूमना शुरू,
तब आप उस चीज का आनन्द नहीं ले पाएँगे।
उदहारण के तौर पर :-
जब इन्सान एक बच्चा होता है,
तब तक वो ज़िन्दगी जी पाता है।
जैसे ही बड़े होकर उसको ज्ञान मिलता है,
बस तभी वो मतलबी बनकर सिर्फ और सिर्फ अपनी ज़िंदगी से व्यापार करता है।
जो उसको लाभ दे मुनाफा दे वो रखता है,
नुकसान देने वालो की तरफ तो देखता भी नहीं।
No comments:
Post a Comment