आज-कल सभी लोग तेज़ रफ़्तार में थे,
हर कोई जल्द से जल्द धन कमाना चाहता था मानो जैसे धन खत्म होने वाला हो।
हर कोई बड़ा नाम कमाना चाहता था
मानो जैसे नाम कभी डूबेगा ही नहीं।
जिन सबके कारण हमने प्रकृति का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया,
मानो बहुत दुरुपयोग किया हो।
पर अब उसी प्रकृति की बारी है
मानो वो अपने ऊपर हुए अत्याचारों का हिसाब ले रहीं हो।
No comments:
Post a Comment