My Life My Experience
इन्सान की यही पहचान है कि वह दूसरों को कभी नहीं समझता फिर चाहे वे उसीका खून क्यूना हो क्योंकि वह सिर्फ ओर सिर्फ अपने लिये ही जीता है ।
वह वहीं करता हैं जो उसको अच्छा लगता है ना कि वो जो दूसरों के लिए अच्छा हो।
वह सोचता हैं जो वो कह रहा है वहीं सत्य है और दूसरों को बेवकूफ समझता है।
इन्सान का काम केवल दूसरों में कमियाँ निकालना और उसको नीचा दिखाना है।
हाँ, जो दूसरों को समझले वो आज के युग में इंसान ही नहीं हैं।